इलाज़ से परहेज बेहतर (कहानी)प्रतियोगिता हेतु11-Mar-2024
दिनांक- 11,0 3, 2024 दिवस- सोमवार प्रदत्त विषय- इलाज़ से परहेज बेहतर (कहानी) प्रतियोगिता हेतु
सौरव उपासना कान्वेंट स्कूल में कक्षा तीन में अध्यनरत था।वह देखने में बड़ा ही सुंदर, चंचल,नटखट और प्यारा था उसकी हरकतें अनायास ही सबको अपनी तरफ़ आकर्षित कर लेती थीं। लेकिन इन तमाम अच्छाइयों के बावजूद उसके अंदर एक बहुत बड़ी खामी थी, वह साफ़- सफ़ाई और स्वास्थ्य का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखता था।
सौरव स्कूल से आते ही बैग पटकता, बिना हाथ पैर धोए ही खाना खाता और बिना मौसम का ध्यान दिए घर के बाहर खेलने के लिए निकल जाता ।
बरसात का मौसम वैसे भी बीमारियों का मौसम होता है, उसी में सौरव उसके घर के बगल में गड्ढा था उसमें बरसाती पानी जमा होकर सड़ता था। स्कूल से आते ही उसी में नहाने के लिए घुस जाता। लगातार गंदे पानी में नहाने की वज़ह से उसे चमड़े की बीमारी हो गई। उसके पूरे शरीर में लाल- लाल चकत्ते हो गए। डॉक्टर को दिखाया गया, लंबा इलाज़ चला, बहुत लंबे इलाज़ और बहुत ख़र्च के बाद भी वह पूरी तरह सही न हो सका। उसकी त्वचा बहुत संवेदनशील हो गई, अब जैसे ही वह ज़रा सा भी बरसात के पानी में भींगता,उसे तुरंत एलर्जी हो जाती। अब उसे हमेशा डॉक्टर का दिया हुआ साबुन और लोशन रखना पड़ता था। जैसे ही बरसात के पानी में भींगता, डॉक्टर के दिए गए साबुन से नहाकर रोशन लगाना पड़ता था।
अब वह सोच रहा था यदि वह समय रहते गंदे पानी में नहाने से परहेज़ कर लिया होता, तो उसे इस तरह हमेशा इलाज़ पर न रहना पड़ता।
सीख- यदि हम शरीर, समय और मौसम का ध्यान रखते हुए परहेज कर ले तो हम इलाज़ से बच सकते हैं।
साधना शाही, वाराणसी
Varsha_Upadhyay
14-Mar-2024 07:58 PM
Nice
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Gunjan Kamal
13-Mar-2024 10:48 PM
👌👏
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HARSHADA GOSAVI
13-Mar-2024 07:46 PM
Amazing
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